Ajanta Ellora
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित अजंता नामक एक गांव है और उस गांव के पास ही तीस चट्टानों को काटकर बहुत सारी गुफाएं बनाई है, जिसे अजंता-एलोरा की गुफाएं इस नाम से जाना जाता हैI इस गुफा को बौद्ध स्मारक कहा जाता हैI इस गुफा के बारे में ऐसा भी अनुमान लगाया जाता है की इनका निर्माण दूसरी शताब्दी ई.स पूर्व से लेकर 400 ई.पू में हुआ हैI इन गुफा में सभी बौद्ध धर्म से जुड़ी कला कृतियां भी हैI
अजंता-एलोरा इतिहास
अजंता-एलोरा की गुफाओं के निर्माण को लेकर ये भी जिक्र किया जाता है की इस गुफा का निर्माण दूसरी शताब्दी के समय हुआ और दूसरी चरण वाली गुफाओं का निर्माण तीन शताब्दी के बाद 460 – 480 ई.स वी हुआ हैI ऐसा भी कहा जाता है की पहले चरण में 9,10,12,13 और15 गुफाओं का निर्माण हुआ और दुसरे चरण में 20 गुफा मंदिरो का निर्माण किया हैI हीनयान पहले चरण को कहा गया था और इसका सम्बन्ध बौद्ध धाम के हीनयान से हैI महायान दुसरे चरण को कहा गया हैI
अजंता-एलोरा गुफाओं की खोज
अजंता-एलोरा की एक ब्रिटिश ऑफिसर द्वारा पहली बार वर्ष 1819 में खोजा गया थाI उनको शिकार करते समय झाड़ीयों और पत्थरों से ढकी एक गुफ़ा दिख गयी फिर उनके सैनिकों ने उस गुफा में जाने के लिए रास्ता बनाया और तब उन्हें वहां इतिहास के साथ कई गुफाए मिल गयीI तब से आज तक अजंता-एलोरा की गुफाओं की खुदाई और अध्ययन का कार्य शुरू हैI 1983 को इस जगह का महत्त्व देखते हुए इनको विश्व विरासत स्थल घोषित किया गयाI अब यह गुफाएँ भारत सरकार के पुरातत्व सर्वेक्षण के निगरानी में हैI दुनिया भर के पर्यटक इन गुफाओं को देखने के लिए यहाँ आते हैI
अजंता-एलोरा की चित्रकला विशेषता
अजंता-एलोरा की गुफाओं की दीवारों पर और छत पर भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं को नक़्शे और तस्वीरों द्वारा दर्शया गया हैI इस जगह कुल 30 गुफाएँ है जो उस समय के चित्रकला विशेषता,प्रतिभा को जाहिर करती हैI इन गुफाओं में 24 बौद्ध विहार और 5 हिंदू मंदिर बनाये गए हैI हर साल बड़ी संख्या में लोग यहाँ आते हैI भारत में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पर्यटन स्थल में इनका नाम आता हैI बौद्ध मठ के रूप में इन गुफाओं का इस्तमाल किया जाता हैI छात्र और भिक्षु अपने अध्ययन को वैरागी में दर्ज करने के लिए करते हैI प्रकृति के बेहद करीब यह जगह थी और भौतिकवादी दुनिया काफी दूर थीI
कलात्मकता का एक अद्भुत संयोजन
अजंता-एलोरा की गुफाओं के चैत्य गृह में बहुत सारे कई सुंदर चित्र,छत बड़ी – बड़ी खिड़कियां भी हैI पहले चरण में के खुदाई में मिली यह गुफा दक्कन में पाई नाजे वाली कोंडेन और नासिक की गुफाओं की तरह हैI दूसरा चरण 4 थे शताब्दी में शुरू हुआ था जो वताको के शासन के समय बनाई गई है दुसरे चरण की बनाई गई गुफाएँ कलात्मक और खूबसूरत थीI ज्यादातर पेंटिंग का काम इस चरण की गुफाओ में लिया गया हैI
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अजंता-एलोरा की गुफा देखने कैसे जायें?
महाराष्ट्र में स्तिथ अजंता-एलोरा की गुफाएँ मध्यप्रदेश के सीमा के नजदीक हैI जलगाँव से इनकी दूरी 60 और औरंगाबाद से 120 किलोमीटर की दूरी पर हैI परिवहन के हर तरह के साधन इन दोनों जगह पर जाने के लिए मौजूद हैI आप इस जगह अपनी हिसाब से हवाई जहाज,रेल और सड़क मार्ग से जा सकते हैI आप अपने कार या टैक्सी से भी जा सकते हैI
कहाँ ठहरे और खानपान
ठहरने के लिए इस जगह होटल और रिसोर्ट जैसे बहुत सारे विकल्प मौजूद हैI आप अपने सुविधा के हिसाब से ठहरने की जगह का चयन कर सकते हैI इधर पर्यटन विभाग से भी कई रेस्ट हाउस भी आपको मिल जाएगेI खानपान के लिए यह जगह काफी अच्छी हैI जो आपको साउथ इंडियन और उत्तर भारतीय खाने तक का विकल्प देते हैI
घुमने के लिए अच्छा समय
अजंता-एलोरा की गुफाएँ देखने के लिए आप किसी भी मौसम में जा सकते हैI लेकिन अक्टूबर से फरवरी तक समय सबसे बेहतर रहेगाI इस समय अच्छी हवा और ठंडा मौसम होता है इसी कारण यहाँ साल भर अपेक्षा से भी ज्यादा पर्यटक होते हैI
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