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Vasota Fort Information |जानिए वासोटा किले के बारे में

Vasota Fort Information

Vasota Fort Information : दोस्तों आज हम आपको महाराष्ट्र के एक ऐसे किले के बारे में बताने वाले है,जिसका नाम है वासोटा I वासोटा किला एक ऐसा किला है जो ट्रेकर्स को अपनी ओर आकर्षित करता है और प्राकृतिक आनंद भी देता है I इस किले को सदाबहार घने जंगल के साथ करामती अनुभव के साथ देखा जा सकता है I तो चले जान लेते है वासोटा किले के बारे में I

सतारा जिले के कोयना के घने जंगल में वासोटा किला है I व्याघ्रगढ़ के नाम से भी इस किले को जाना जाता है I 1655 में जावली के विजय के दौरान शिवाजी महाराज ने इस किले को साम्राज्य में शामिल कर लिया I इसकी कठिन प्राकृतिक सुरक्षा के कारण शिवाजी महाराज ने इस किले का नाम बदलकर व्याघ्रगढ़ रखा I यह किला ट्रेकर्स के लिए एक आदर्श किला है I वासोटा किले में एक पानी की टंकी,महल के अवशेष,बाबुकडा नामक एक विशाल किनारा और एक शिव मंदिर भी है I

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वासोटा किले तक पहुंचने के लिए नाव से शिवसागर झील को पार करके जाना पड़ता है I दो घंटो में वन विभाग के जांच चौकी से चट्टाने चढकर वासोटा किले की चोटी पर पहुंच जाते है I घने जंगल होने के कारण यह यात्रा बेहद खूबसूरत और सुखद अनुभव देती है I जंगल का सफर करते समय दुर्लभ अवसरों पर जंगली जानवर भी देखने को मिलते है I किले तक पहुंचने में करीब – करीब ढाई घंटे का समय लग जाता है I किले पर जाते ही मारुती राया (हनुमानजी) आपका स्वागत करने के लिए तैयार है I

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किले पर जाते ही कोयना और सह्याद्री के मनमोहक दृश्य को देखकर आपकी थकान दूर हो जाती है I इस किले के पास नागेश्वर नामक एक गुफा मंदिर भी है इस मंदिर को देखने के बाद वासोटा किले में वापस जाना पड़ता है I आप वहां से कोकण के चोरवने गाँव में उरत सकते है I इस किले पर रुकने की अनुमति नहीं है इसलिये आपको एक ही दिन वासोटा किले पर ट्रेकिंग करनी पड़ती है I धूप में जंगल ट्रेक का यह विकल्प बहुत ही खूबसूरत है I वासोटा किले पर जाने से पहले आप कास पठार का भी आनंद ले सकते है I

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वासोटा किले का इतिहास

इस किले का निर्माण कोल्हापुर शिलाहार शाखा के अन्य भोजराजा ने करवाया था I शिवाजी महाराज ने जावली के चंद्रराव मोरे को हराकर और अन्य जगहों पर विजय प्राप्त की उसी समय 1655 में वासोटा लिया और इसका नाम व्याघ्रगढ़ रखा गया Iसंभाजी और राजाराम महाराज ने इस किले पर विशेष ध्यान नहीं दिया I बाजीराव ने वासोटा को बापू गोखले को ले जाने का जिम्मा सौप दिया I उन्होंने वासोटा पर चढ़ने के के बाद पास की एक ऊँची पहाड़ी से वासोटा में तोप चलाई I प्रताप सिंह और उनके परिवार को किले में रखा गया I

बाजीराव यंहा कुछ दिनों के लिए रहे थे I वासोटा पर्वत चोटी लगभग 15 एकड़ है I किले पर देखने के लिए चूना घना,हनुमान मंदिर,चंडिका मंदिर और बाबुकड़ा है I वासोटा किले का इस्तमाल जेल के लिए किया जाता था I औरंगजेब के हमले के दौरान भगवान की मूर्तियाँ और सज्जनगढ़ के रामदास के पदार्थों को रखा गया था I 1817 में हर के बाद खडकी के युद्ध में बाजीराव द्वितीय के प्रतापसिंह महाराज और उनके परिवार की इसी किले में रखा गया था I

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वासोटा घूमने का अच्छा समय

ट्रेक मध्य जून से अक्टूबर तक बंद रहता है I आप मानसून के ठीक बाद यानि अक्टूबर से दिसंबर तक ट्रेक करना अच्छा होगा I इस किले की यात्रा के लिए गर्मियां एक बुरा समय नहीं है क्योंकि पूरे वर्ष आसपास का वातावरण हरा -भरा रहता है I

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कैसे पहुँचे वासोटा

वासोटा किला बमनोली पुणे से लगभग 160 किलोमीटर और मुंबई से 300 किलोमीटर की दूरी पर है I पुणे और मुंबई देश एक अन्य हिस्सों से रेल और सड़क मार्ग से जुड़े हुए है I पुणे,मुंबई से सतारा के लिए सीधी बस पकड़ी जा सकती है I बमनोली जहां से 40 किलोमीटर दूर है I यह मार्ग कास पठार से होकर गुजरता है I वासोटा किले तक पहुंचने के लिए एक नाव लेनी पड़ती है I

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उपयोगी टिप्स

किले के उपर तक जाने के लिए 3 घंटे लग जाते है I इसके लिए आपको पैदल ही चलना पड़ता है I आप हर समय अपने समुदाय के साथ ही रहें I इसलिए की यह जंगल जंगली जानवरों से भरा हुआ है I आप अपने साथ खूब पानी लेकर जाए क्योंकि यह ट्रेक बहुत ही थकान देने वाला होता है I आप सुबह 08 बजे तक बमनोली पहुंचने की कोशिश करें I तभी आपको ट्रेक के लिए पर्याप्त समय मिलेगा I आप वापस जल्दी निकल जाए जैसे की दोपहर 3:30 या तो 4:00 बजे तक अंधेरा होने पर निचे उतरना सुरक्षित नहीं है I

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